ऊर्जा मंत्रालय का सशक्तिकरण जरुरी :-
वरोरा:- हरीश केशवानी
ऊर्जा स्रोतो के मामले में वैकल्पिक ऊर्जा के रूप मे सौर ऊर्जा को अपनाना एक बेहत्तर विकल्प होगा क्योंकि वर्तमान काल मे देश की मानव आबादी के अनुपात मे ऊर्जा निर्माण व्यवस्था चर्मरा गई है.ऊर्जा का निर्माण जिस स्तर पर होना चाहिये उस स्तर पर न होने के कारण लोगो को दिक्कतो का सामना करना पड रहा है.होणा तो यही चाहिये की जनता को मानवनिर्मित ऊर्जा के साथ साथ विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रवृत्त करना चाहिये.ताकी कोयला,जल तथा नाभीकीय ऊर्जा पर पडणे वाला दबाव कुछ हद तक कम किया जा सके. किंतु अगर ऐसा नही किया गया तो आनेवाले समय मे एक बीकट स्थिती राक्षसी रूप बनकर रह जायेंगी.तब तक हम कुछ नही कर पायेंगे.आखिर हर चीज की एक मर्यादा होती हैं,तब तक ऊर्जा का निर्माण होता रहेगा, किंतु संसाधन खतम होने पर हम क्या कर पायेंगे. विश्व रिपोर्ट के अनुसार 2050तक पृथ्वी के संसाधन सुखचुके होंगे. हम नी :संकोच कह सकते है कि सूचना प्रोदोगीकी तथा अंतरिक्ष विज्ञान मे आशा तीत प्रगती करने के बावजुद भारत आजभी ऊर्जा के मामले में पीछडा ही है.आज भी भारत विकास सिल कि गणनामे आता है जिसकी वजह भारत की आबादी मे से तकरीबन 73 से 74 प्रतिशत आबादी कृषी पर निर्भर होना है तथा कृषी संबंधित संसाधन प्रयाक्त मात्रा मे उपलब्ध न होने के कारण एवं निसर्ग का साथ न मिलने के कारण खेती ज्यादा तर किसानो के लिए अलाभदायी हो गई है ज्यादा तर लोक रोजगार की तलाश मे शहरो की और पलान कर रहे है. और जहा जगह मिल रही है वही रह रहे है जिससे शहर की समस्या भी बढ रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश की कुल आबादी मे से 40 प्रतिशत लोग गरिबी रेखा के नीचे का जीवन यापन कर रहा है इतनी बडी आबादी के जीवन स्तर मे सुधार लाने के लिए उद्योग धंदे बढाना ही एक मात्र उपाय रह जाता है ऐसी स्थिती मे भारत से यह उम्मीद नही कि जा सकती की वह औद्योगीकरण की गती घीमी करे. भारत को इ स और जादा कदम उठाने की आवश्यकता है. अत :एक मात्र विकल्प ऊर्जा के स्त्रोत विकसित करना ही रह जाता है. ऊर्जा के बगैर हमारा जीवन अधुरा है. ऊर्जा के स्रोतो को प्राथमिकता देना ही समय की मांग है.
भारत सरकार को चाहिये की वह इस और जादा ध्यान देकर अधिक कारंगर नीतीया अपना कर समुचित व्यवस्था करणे की कोशिश करे. अन्य गैर जरुरी चीजो के खर्च मे कटोती कर ऊर्जा मंत्रालय को उदार मनसे आर्थिक सहायता प्रदान कर उसे सबल बनाने की कोशिश करे तो बेहतर होंगा.आने वाले समय में उसके परिणाम भी अनुकूल ही होंगे वही ऊर्जा मंत्रालय को भी चाहिये की वह जनता के समक्ष जाकर उसे सौर ऊर्जा स्त्रोत का महत्व समझाये विविध सकारात्मक नीतिया अपना कर लोगो को इसे अपना ने के लिये बाध्य करना चाहिये. आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए आय के स्रोतो मे वृद्धी करनी होगी.
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