राजस्थानी महिलाओं द्वारा मनाया गया करवाचौथ का पर्व.

राजस्थानी महिलाओं द्वारा मनाया गया करवाचौथ का पर्व.

भद्रावती: आज सुहागिनीओ द्वारा महापर्व करवा चौथ है. हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला यह एक खास व्रत है. भद्रावती राजस्थानी महिला मंडल द्वारा यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया करवा चौथ के पर्व में सुहागिनी महिलाएं सूर्योदय से लेकर शाम के चंद्रोदय होने तक व्रत रखती है. करवा चौथ में महिलाएं दिनभर निराहार और निर्जला व्रत रखते हुए अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती है दिनभर उपवास रखते हुए शाम के समय करवा माता की पूजा आरती और कथा सुनती है. इसके बाद शाम को चंद्रमा निकलने का इंतजार करती है, और जब चांद के दर्शन होते हैं तभी सुहागिनी महिलाएं चंद्रमा को अर्ध देते हुए अपने पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोलती है. सभी महिलाएं व्रत पूरा करने के बाद अपने सास ससुर और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हुए करवा चौथ का पालन करती है.यह व्रत सिर्फ सुहागिन महिलाओं द्वारा ही किया जाता है जिन कन्याओं का हाल ही में विवाह हुआ है वह कन्याए इस व्रत की शुरुआत करवा चौथ से करती है. इस दिन नए से शादी हुए कन्याओं के घर से करवे शक्कर भरकर और सुहाग की भरपूर सामग्री और कपड़े भेंट स्वरूप लड़की के माता-पिता द्वारा उसके ससुराल भेजे जाते हैं .करवा चौथ के दिन से ही सुहागिन बनी कन्याए पूरे वर्ष भर के चतुर्थी की शुरुआत करती है और अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती है.

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