देढ़ साल की बच्ची पर तेंदुए ने मारा पंजा , ऐसी बची जान
भद्रावती शहर के पास में आयुध निर्माणी चांदा परिसर है। और यह परिसर ताडोबा के जंगल से लगा हुआ है। जिस कारण यहां पर आए दिन जंगली जानवरों द्वारा मनुष्य पर और जानवरों पर हमले होने की खबरें प्राप्त होती रहती है। अभी कुछ दिन पहले ही आयुध निर्माणी परिसर के सेक्टर 4 में एक छोटी बच्ची पर तेंदुए ने हमला करके उसे घायल कर दिया था। वन विभाग द्वारा तेंदुए को जंगल में भगाने की पूरी कोशिश की गई थी।लेकिन अब वह तेंदुआ जंगल में भागा या नहीं भागा इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है।
और ऐसे में कल शाम 7:30 बजे आयुध निर्माणी के सेक्टर 2 परिसर में एक डेढ़ साल की बच्ची पर तेंदुए ने फिर से हमला करके उसे घायल कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार विनोद गायकवाड भोजन करने के पश्चात अपने क्वार्टर के बाहर अपनी छोटी गुड़िया को लेकर खेल रहे थे। पिता बच्ची के पास होने के कारण बच्ची की जान बची।कुछ पल के लिए उनकी नजर अपने गुड़िया पर से हटी इतने में बाजू से एक तेंदुए ने आकर उस बच्ची पर हमला कर दिया। किस्मत से विदिशा के पिताजी की नजर तेंदुए पर गई और छोटी बच्ची भी जोर से चीखी इस वजह से क्वार्टर के आजू बाजू के लोग भी वहां पर आ पहुंचे उनका शोर सुनकर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। लोहे का गेट लगा होने के कारण विदिशा की जान बची अन्यथा तेंदुआ उसे अपना शिकार बना ही लेता था।लोहे के गेट में से तेंदुए ने अपने दोनों पंजों से विदिशा को अपनी तरफ खींचा। लेकिन उसकी चीख के कारण उसकी और उसके पिता का ध्यान गया और वह भी जोर से जीखे जिस वजह से तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।घायल विदिशा को दवाखाने ले जाया गया। और इस बात की जानकारी वन विभाग को दे दी गई वन विभाग के विभागीय अधिकारी हरिदास शेंडे अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।और तेंदुए को भगाने का प्रयास किया गया।वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने हेतु एक पिंजरा लगाया गया है।और चंद्रपुर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आज घटनास्थल का मुआयना करके और पिंजरे लगाने की बात कही जा रही है। जिस वजह से आगे यह तेंदुआ किसे भी अपना शिकार ना बना पाए। परिसर में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि वन विभाग द्वारा शाम से ही अपनी टीम द्वारा गश्त लगाई जाए।इस वजह से जानवरों के हमले में कुछ कमी आएगी।
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