महालक्ष्मी देवि का उत्सव बडी धुमधाम से मनाया


महाराष्ट्रीयन समाज की ओर से महालक्ष्मी का तीन दिवसीय पर्व शनिवार से मनाया जाएगा शनिवार से मनाना शुरू किया गया महाराष्ट्रीयन परिवार में महालक्ष्मी आली घरात सोन्याचा  पायानी  भर भराटी घेऊन आली सर्व समृद्धि घेऊन आली..... 
इन पंक्तियों के साथ महालक्ष्मी का स्वागत किया जाएगा माता महालक्ष्मी अपने परिवार के साथ घर में आए घरों में सुख संपन्नता और सदैव लक्ष्मी का वास हो ऐसी ही मनोकामना के साथ महालक्ष्मी उत्सव प्रारंभ होगा भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी से महालक्ष्मी उत्सव मनाया जाता है ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी के जिस रूप में पूजा होती है वह जेठानी और देवरानी है अपने दो बच्चों के साथ वह इन दिनों माईके आती है मायके में आने पर 3 दिनों तक उनका भव्य स्वागत किया जाता है पहले दिन स्थापना दूसरे दिन भोग और तीसरे दिन हल्दी कुमकुम के साथ माता की विदाई की जाती है इन दिनों विशेष रूप से ज्वार के आटे की अंबिल और पूरन पोली का महाप्रसाद प्रमुख तथा 56 पकवान तैयार कर केले के पत्ते पर भोग लगाया जाता है इसके बाद परंपरा अनुसार ब्राह्मण मित्रों को और सुहागिनों को भोजन व महाप्रसाद का वितरण होता है मां की आराधना की से कामना पूरी होती है महालक्ष्मी विराजित करने की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है इस अवसर पर घर को पूरी तरह शुद्ध और आकर्षक विद्युत सज्जा पुष्प सज्जा कर सजाया जाता है और 3 दिनों तक विधिवत पूजन अर्चन का क्रम चलता है पूरन पोली पातल भाजी के साथ लगेगा छप्पन भोग छप्पन भोग में पूरनपोली सेवइयां चावल की खीर दाल भाजी तिल्ली खोपरा खसखस तथा मूंगफली के दाने की चटनी लड्डू करंजी मोदक कुल्दई पापड़ अरबी के पत्ते की भाजी 16 सब्जियों को एक साथ मिलाकर छप्पन भोग तैयार किए जाते हैं और माता महालक्ष्मी को इस का भोग लगाया जाता है भक्तों के मन में यह सच्ची श्रद्धा है कि जब माता  महालक्ष्मी के सामने उनका भोग रखा जाता है और पर्दे लगाया जाता है तब महालक्ष्मी स्वयं आकर इस को ग्रहण करती है और भक्तों को आशीर्वाद देकर भक्तों का सदा कल्याण करती रहती है भद्रावती शहर के नामोजवार परिवार में भी 125 वर्षों से महालक्ष्मी की विराजने की परंपरा शुरू की और उसे आज तक निभाया जा रहा है कई पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए नामोजवार परिवार द्वारा महालक्ष्मी की स्थापना करके उनका विधि विधान से पूजा पूजन किया जाता है और भक्तों को महाप्रसाद वितरण के साथ महालक्ष्मी का साज श्रृंगार करके भक्तों को दर्शन के लिए  रखा जाता है महालक्ष्मी का व्रत आरंभ होते ही घर में खुशियां ही खुशियां आ जाती है और गणेश जी के साथ महालक्ष्मी जी भी अपना आशीर्वाद भक्तों पर बनाए रखती है और सभी के घर अन्य धन्य का भंडार भरपूर रखती है और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती है इस वर्ष सभी ने यही महालक्ष्मी माता  गणेश जी से यही मनोकामना  हैं कि सभी के घर  खुशहाली लाएं

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