स्थानीय युवाओं ने 'चड्डा कंपनी' पर आरोप लगाया कि वह स्थानीय लोगों को नौकरी देने के बजाय उत्तर प्रदेश और बिहार के ड्राइवर-हेल्परों को प्राथमिकता दे रही है,



माजरी ग्रामीणों का स्थानीय कंपनी के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर आक्रोश

चेतन लूतडे 

माजरी, 08 अक्टूबर, 2025: माजरी ग्राम पंचायत में बेरोजगारी को लेकर बुधवार को एक गंभीर चर्चा हुई। स्थानीय युवाओं ने 'चड्डा कंपनी' पर आरोप लगाया कि वह स्थानीय लोगों को नौकरी देने के बजाय उत्तर प्रदेश और बिहार के ड्राइवर-हेल्परों को प्राथमिकता दे रही है, जबकि पिछले दो वर्षों से स्थानीय लोगों को रोजगार का इंतजार है।

मामले की पृष्ठभूमि:
स्थानीय युवाओंके अनुसार, कंपनी द्वारा लगातार उन्हें नौकरी देने से मना किया जा रहा है। 7 अक्टूबर, 2024 को जब माजरी के युवा कंपनी पहुंचे, तो उन्हें पहले एनसीसी कंपनी जाने के बाद लिये जायेंगे। इसके बाद, अब कंपनी का कहना है कि उनके पास खाली जगह नहीं है। इन युवाओं का आरोप है कि कंपनी हर महीने बाहरी राज्यों से नए कर्मचारियों की भर्ती कर रही है, जबकि स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं दी जा रही है।
ग्राम पंचायत में हुई चर्चा:
इस मुद्देपर ग्राम पंचायत में हुई बैठक में सरपंच छाया जंगम  ने युवाओं को आश्वासन दिया कि वह इस मामले को उच्च स्तर तक उठाएंगी और न्याय दिलाने का प्रयास करेंगी। इस बैठक में मनोज, परचाके, सिनु, रियाज शेख, आमान कस्याप समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे। ग्रामीणों का कहना है कि माजरी, पटला, परसगांव और नगलोन जैसे आस-पास के इलाकों के 80% से अधिक लोग इस कंपनी में नौकरी पाने के इच्छुक हैं।

देश में बेरोजगारी की स्थिति:
यह स्थानीय घटनादेशव्यापी बेरोजगारी की चुनौती की एक झलक दिखाती है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर 5.2% थी। हालांकि, अलग-अलग राज्यों में यह दर काफी भिन्न है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है.

युवाओं की मांग:
स्थानीय युवाओंकी मांग है कि चड्डा कंपनी को स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। उनका आरोप है कि कंपनी का स्थानीय लोगों के प्रति यह व्यवहार भेदभावपूर्ण है और इससे क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या और गहरा रही है।

आगे की कार्रवाई:
ग्राम पंचायत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने और कंपनी प्रबंधन के साथ बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। स्थानीय युवा अपने हक की लड़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ हैं और आवश्यकता पड़ने पर प्रशासनिक स्तर पर भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे हैं।

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